कोर्ट कचहरी, कर्जमुक्ति, शत्रु नाश के लिए मा बगलामुखी के अनुष्ठान

पूजा विधि
जजमानो के नाम गोत्र से, पहले माता की षोडश उपचार पूजन किया जाता है फिर हवन किया जाता है | हवनोक्त जाप भी किया जाता है|
पूजा के लाभ
- शत्रु से बचने के लिए |
- लम्बे समय से चली आ रहे मुक़दमे से निजात पाने की लिए |
- जमीन जायदाद तथा भूमि सम्बंधित समस्या से छुटकारे पाने के लिए |
- गृह कलेश से छुटकारा पाने के लिए |
- व्यापर या नौकरी सम्बंधित ऊंचाई प्राप्त करने के लिए |
- पूजा के दिन पंडितजी के द्वारा संकल्प फोन पर लिया जायगा और फिर प्रसाद भिजवाया जायगा |
प्रसाद
- माता के वस्त्र |
- मन्त्रित की हुई हल्दी की माला |
- माँ बगलामुखी यंत्र |
माँ बगलामुखी अनुष्ठान
दस महाविद्या में से माँ बगलामुखी एक है | .माता पीताम्बरी की नाम से प्रसिद्धः है| जो पीला वस्त्र धारणकारी है| पुराणों में वर्णित है | सत्ययुग में जब कोई आपदा पृथ्वी को विध्वंश करने लगा तब भगवान विष्णु ने विचलित हो. के त्रिपुरा के हरिद्रा सरोवर में साधना की थी| वही से माता बगलामुखी प्रकट हुई थी |
और धरती को आपदा से बचाया था | माता बगलामुखी पीले वस्त्र और पीले फूल से प्रसन्न होती है | पीला रंग हमारी संस्कृति में शुभ माना जाता है |
भारत में मुख्य सिद्ध बगलामुखी पीठ नलखेड़ा, मध्य प्रदेश, बनखंडी हिमाचल प्रदेश, कामाख्या असम, और दतिया, मध्यप्रदेश में स्तिथ है. मंगलवार, शुक्रवार और रविवार को माता की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है|