वैवाहिक जीवन को सुखमय करने के लिए कराये अंगारेश्वर महादेव में भात पूजन

पूजा विधि
- सर्व प्रथम गौरी गणेश की पूजन के बाद शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक किया जायेगा इसके बाद भगवान को भात अर्पित करके पूर्ण मंतोच्चारण के साथ पूर्ण विधि से पूजा की जाएगी|
- हमारे पंडित जी की तरफ से संकल्प के लिए फ़ोन किया जायेगा |
पूजा का लाभ
- जातक में देर विवाह के योग का निराकरण |
- वैवाहिक जीवन की परेशानिओ का अंत |
- भूमि सम्बंधित दिक्कत से छुटकारा |
प्रसाद
- मंगल यन्त्र
- सूखा भोग
- मन्त्रित धागा
क्या होता है | भात पूजन
अंगारेश्वर महादेव जब पानी में डूब गये थे तब मंगल नाथ की उत्पत्ति हुई| मंगल नाथ मंदिर उज्जैन नगरी मध्यप्रदेश में स्थित है | पुराणों में उज्जैन को मंगल की नगरी कहा जाता है | पूरे भारत में मंगल नाथ मंदिर एक ऐसा मंगल ग्रह का मंदिर है |
जहाँ पर मंगल ग्रह की सिद्धि करने कर्क रेखा पर स्थित स्वयंभू शिवलिंग के ऊपर पड़ती है जिस कारन यहाँ मंगल गृह की शांति के लिए विशेष महत्व है|
यहाँ मंगल ग्रह की शांति के लिए पका हुआ चावल यानि भात चढ़ाया जाता है | क्युकि चावल की प्रकृति ठंडी होती है | और इससे मंगल ग्रह को शांति मिलती है |
जिनकी कुंडली मांगलिक होती है | या मंगल नीच की होती है उन्हें अपने जीवन में बहुत परेशानिओ का सामना करना पड़ता है जैसे विवाह ,व्यापार में घाटा शारीरिक बाधा आती है |