कुंडली में कालसर्प दोष निवरण निवारण के लिए कराये त्र्यंबकेश्वर और उज्जैन में अनुष्ठान

कालसर्प दोष निवारण पूजा से लाभ:
- आखरी मुहूर्त में रुकने वाले काम पूरा हो जाता है |
- नौकरी व्यापार में उन्नति होती है |
- बुरे स्वप्न से छुटकारा मिलता है|
- वैवाहिक जीवन में होने वाली समस्या का अंत होता है|
- पूजा के दिन पंडितजी के द्वारा फ़ोन पर संकल्प लिया जायेगा और हमारी तरफ से आप लाइव वीडियोस में पूजा में भाग ले सकते है
कालसर्प योग
कुंडली में जब राहू और केतु के बीच अन्य ग्रहों की उपस्थिति हो तब ही कालसर्प योग का असर होता है। राहु-केतु की स्थिति के आधार पर अनन्तादि 12 प्रकार के कालसर्प योग निर्मित होते हैं।
कालसर्प योग के कारण सूर्यादि सप्तग्रहों की शुभफल देने की क्षमता समाप्त हो जाती है | इससे जातक को 42 साल की आयु तक परेशानियां झेलनी पड़ती है। कुछ कुंडली में जीवन भर भी समस्या झेलनी पड़ती है |
मगर, दूसरी तरफ किसी की कुंडली में कालसर्प योग होने के बाद भी जातक की उन्नति होती है। इसलिए लोगों को कालसर्प योग से डरना नहीं चाहिए |
कालसर्प योग के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए पूजा-पाठ, मंत्र और जप आदि कार्यों के अलावा कई ज्योतिषीय उपाय भी प्रचलन में हैं। इसका निवारण ज्योतिष और धार्मिक अनुष्ठान से किया जा सकता है।
कालसर्प दोष की शांति हेतु उज्जैन और त्रयंबकेश्वर में अनुष्ठान और पूजा पाठ किया जाता है।
Vedic Temple Puja की तरफ से कालसर्प दोष निवरण के लिए उज्जैन के शिप्रा नदी, रामघाट पर और नासिक त्र्यम्बकेश्वर पर अनुष्ठान पंडितो द्वारा विधि विधान पूर्वक कराया जाता है|