कुंडली में पितृ दोष निवारण के लिए कराये पितृ शांति अनुष्ठान

पूजा के लाभ
- जीवन का हर कार्य बिना बाधाविग्न में हो जाता है|
- पारिवारिक कलेश से छुटकारा मिलता है|
- होनेवाली आकस्मिक दुर्घटना,धन ख्याति से रक्षया होती है।
- पुर्वोजो के आशीर्वाद से वंश का अच्छा विस्तार होता है।
पूजा के दिन पंडित जी के द्वारा संकल्प लिया जायेगा | और सुपारी प्रसाद के रूप में आप को भिजवाया जायेगा |
Vedic Temple Puja की तरफ से कुंडली से पितृदोष निराकरण लिए श्राद्ध तिथि पर उज्जैन में स्थित रामघाट पर और गया में पंडितो द्वारा विधिविधान से पितृदोष का पूजा, तरपान पिंड दान आदि अनुष्ठान किया जाता है इसमें त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण नाग वाली आदि प्रमुख है | तत्पश्चात ब्राह्मणों को भोज भी किया जाता है| पितृदोष निराकरण पूजा मुख्यतः एक दिन का एवं तीन दिन का भी होता है |
पितृ दोष प्रेत बाधा
किसी भी जातक के अपने परिवार में उसके जन्म से पूर्व यदि किसी पूर्वज की मरणोपरांत अंत्येष्टि क्रिया शास्त्र सम्मत विधि विधान से न की गयी हो | या उसके परिवार में पूर्वजों के निमित्त कोई भी कार्य न किया जाता हो|
तो जातक की कुंडली में पितृ दोष जिसे प्रेत बाधा भी कहते हैं, पितृ दोष आगे चलकर अनुवंशिक रोग की तरह से आने वाली अगली पीढ़ी में भी आने लगता है। पितृदोष जातक के अपने परिवार अर्थात पितृ पक्ष या ननिहाल अर्थात मातृ पक्ष दोनों में से किसी के कारण भी हो सकता है।
पितृ दोष के कारण होने वाली समस्याएँ आपकी कुंडली में चाहे कितने भी अच्छे योग क्यों ना हों, यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो जीवन अत्यंत संघर्षमय हो जायेगा।
पितृ दोष के प्रभाव के कारण धन हानि, अनावश्यक के विवाद, परिवार में क्लेश, शुभ कार्यों में विलम्ब, संतान हीनता, अचानक दुर्घटना का योग, नौकरी-व्यापार में असफलता, अर्थात जीवन के हर क्षेत्र में समस्याओं की भरमार रहती है।
इसका प्रभाव धीरे-धीरे पूरे परिवार पर होने लगता है और यह परिवार को दीमक की तरह धीरे-धीरे नष्ट कर देता है…..